वनस्पति संग्रहालय
भावसं वनस्पति संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1986 में, संस्थान के संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं तथा विद्यार्थियों द्वारा क्षेत्र से एकत्र किये गये पौध प्रजातियों की पहचान के लिए सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। भलीभांति इसका विकास हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में विभिन्न सुरक्षित क्षेत्रों के वनस्पति सहित पौधों के संरक्षण महत्व पर कम्प्यूटरीकृत डाटाबेस विकसित करना है।
वर्तमान में भावसं संग्रहालय में विभिन्न वन्यजीव अभयारण्यों तथा पार्कों से वेस्कुलर पौधों के नमूने एकत्र किये गये हैं। तत्काल सन्दर्भ के लिए लगभग 1500 प्रजातियां हैं जो डिकोट्स की 158 कुलों, मोनोकोट्स के 24 कुलों, जाइनोस्पर्म के सात कुलों तथा 28 फर्न कलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। संग्रहालय में नमूनों को बेनथाम एवं हूकर्स प्रणाली के वर्गीकरण के अनुसार व्यवस्थित किया गया है। संग्रहालय के स्टाफ में एक वैज्ञानिक एस एफ, एक तकनीशियन, एक सहायक तथा एक परिचर है।
वनस्पति सर्वेक्षणों तथा प्रजातियों की सूची के आधार पर भावसं के अन्य अन्वेषणों के सहयोग से निम्नलिखित क्षेत्रों की वनस्पति का डाटाबेस बनाया गया है-
- बांधव गढ़ राष्ट्रीय पार्क, मध्य प्रदेश
- असोला भट्टी वनयजीव अभयारण्य, दिल्ली
- ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय पार्क, हिमाचल प्रदेश
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क, उŸार प्रदेश
- पिन वैली राष्ट्रीय पार्क, हिमाचल प्रदेश
- राजा जी राष्ट्रीय पार्क, उŸार प्रदेश
- इरनाकुलम राष्ट्रीय पार्क, केरल
- आंध्र प्रदेश के सुरक्षित क्षेत्र
- जलदापारा वन्यजीव अभयारण्य, पश्चिम बंगाल
- गोरूमारा राष्ट्रीय पार्क, पश्चिम बंगाल
- पचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य, मध्य प्रदेश में उसके आसपास घासभूमियां
- हेमिस राष्ट्रीय पार्क, जम्मू व कश्मीर
- केदारनाथ मस्क डियर अभयारण्य, उŸारप्रदेश
- दाचिंगम राष्ट्रीय पार्क, जम्मू व कश्मीर
- रैन आफ कच्छ, गुजरात
- बोधघाट सबमर्जेन्स क्षेत्र, मध्यप्रदेश
- पाखुई वन्यजीव अभयारण्य, अरूणाचल प्रदेश
संपर्क व्यक्ति : बी.एस.अधिकारी,
र्इ-मेल : adhikaribs@wii.gov.in
Last Updated: October 24, 2013